मध्य प्रदेश सरकार ने Submer के साथ किया करार, बनेंगे “हरित” एआई‑तैयार डेटा सेंटर

मध्य प्रदेश सरकार ने स्पेन की Submer Technologies SL के साथ एक अहम समझौता (MoU) किया है, जिसका उद्देश्य राज्य में हवा और पानी बचाने वाले, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल एआई‑तैयार डेटा सेंटर विकसित करना है। इस साझेदारी से सरकार योजना अनुसार कुल 1 गीगावॉट क्षमता के अत्याधुनिक डेटा सेंटर बनाएगी

  प्रमुख विशेषताएँ:

   उन्नत ठंडा‑प्रणाली (Cooling Technology)
  Submer की इमर्शन-कूलिंग और डायरेक्ट‑टू‑चिप तकनीक से पारंपरिक डेटा सेंटर की तुलना में करीब 45% ऊर्जा की बचत और 90% पानी की बचत संभव होगी

  स्थानीय और सरकारी समर्थन
MPSEDC (एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) उपयुक्त भू‑खंड, बुनियादी ढांचे के अनुमोदन, भूमि आवंटन और निवेश प्रोत्साहन में सहायता करेगा

   स्थानीय कौशल वृद्धि एवं रोजगार
Submer राज्य में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करेगा, जिससे युवाओं को एआई, डेटा सेंटर डिज़ाइन और तकनीकी क्षेत्रों में मास्टरी मिलेगी और रोजगार के अवसर भी सबल रूप से बढ़ेंगे

  वैश्विक अनुभव और तकनीकी मार्गदर्शन
Submer की टीम डिजाइन, सलाहकार सेवाओं और अगली पीढ़ी के मापदंड तय करने में मध्य प्रदेश को मार्गदर्शन देगी

 


  राजनीतिक एवं विश्वव्यापी दृष्टिकोण

Chief Minister मोहन यादव के स्पेन दौरे (17 जुलाई, 2025) के दौरान यह MoU हुआ, जो मध्य प्रदेश को एक “हरित डिजिटल हब” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । सीएम ने Barcelona में आयोजित “Invest in Madhya Pradesh Business Forum” में बताया कि राज्य की नीतियाँ और शासन‑प्रणाली विदेशी निवेश के अनुकूल है

 


  आगे की राह – संभावनाएँ और प्रभाव

  • Submer की टीम हाल ही में प्रदेश का दौरा करके संभावित साइटों का जायजा लेगी, जिससे कार्ययोजना शुरू होगी

  • इस साझेदारी से राज्य में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मज़बूती मिलेगी, जिससे आर्थिक विकास, नवाचार और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।

  • रोजगार और कौशल विकास की नई छाप से स्थानीय युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में प्रवेश का अवसर मिलेगा।


   निष्कर्ष
यह समझौता सिर्फ डेटा सेंटर की स्थापना भर नहीं है, बल्कि यह मध्य प्रदेश को “क्लीन टेक + डिजिटल” पहचान देने का एक रणनीतिक कदम है। ऊर्जा एवं जल संरक्षण, स्थानीय कौशल विकास और वैश्विक निवेश आकर्षित करने की क्षमता के साथ, यह परियोजना आने वाले वर्षों में राज्य को ‘ग्रीन डिजिटल हब’ बनने में सहायक साबित होगी।

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